तुझमें वोटर दिखता है… यारा मैं क्या करूं…. युकां चुनाव में वोटिंग करवाने टूट रही सारी हदें,,, युकां का सदस्य बनाने टैक्स वसूलने वाली कंपनी के युवकों को लगाया गया,,, युवा निगम कर्मियों से करवाई जा रही वोटिंग

नरेश सोनी

दुर्ग। युवक कांग्रेस के चुनाव में सारी हदें टूटती दिख रही है। जहां एक ओर नगर निगम में राजस्व वसूली का काम करने वाली एक निजी कंपनी के कर्मचारियों को युकां का सदस्य बनाने के लिए बाकायदा प्रशिक्षण देकर ढील दिया गया है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम के युवा कर्मचारियों से भी जबरिया वोटिंग करवाई जा रही है। एयर कंडीशनर कमरों में रहने और एसी कार में घूमने वाले नेताजी के युकां चुनाव लडऩे वाले बेटे को युवाओं का मसीहा और जननेता बताने का नया ट्रेड शुरू किया गया है। सवाल यह है कि आखिर ऐसे चुनाव करवाने का औचित्य क्या है? क्या कांग्रेस पार्टी नए सदस्य बनने और वोटिंग करने वालों की पड़ताल करेगी? ..और क्या फर्जी सदस्यता करवाने और चुनाव जीतने के लिए फर्जी तरीके से वोटिंग करवाने वालों पर कोई कार्यवाही होगी?

जानकारियों के मुताबिक, अभी तीन दिन पहले नेताजी के पद्मनाभपुर स्थित निवास में स्पैरो कम्पनी के २५-३० कर्मचारियों को बुलाया गया था। इन सभी कर्मचारियों को घर-घर जाकर युवाओं के वोट कबाडऩे की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रदेश महासचिव का चुनाव लडऩे वाले युवा नेता संदीप वोरा ने बाकायदा इन कर्मचारियों के मोबाइल पर अपनी आईडी से एप्लीकेशन भी लोड करवाया। गौरतलब है कि स्पैरो कम्पनी दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में टैक्स वसूली का काम करती है। कम्पनी के कर्मचारी अब घूम-घूमकर एप के जरिए नए सदस्य बना रहे हैं और संदीप वोरा व आयुष शर्मा के लिए वोट जुटा रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि जिन युवाओं को सदस्य बनाकर वोटिंग करवाई जा रही है, उन्हें इसकी खबर तक नहीं है। बताया जा रहा है कि कंपनी के कर्मचारी घर-घर जाकर डाक्यूमेंट की मांग करते हैं और उसी के आधार पर वोटिंग भी करवा देते हैं। आम लोग निजी कम्पनी के इन कर्मचारियों को नगर निगम का आदमी मानकर पूरी जानकारी भी दे देते हैं।

इस संवाददाता ने राजस्व वसूली में लगे निजी कर्मचारियों से वोटिंग का काम लेने के संबंध में कई लोगों से चर्चा का प्रयास किया। नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने जहां अपना मोबाइल रिसीव नहीं किया, तो प्रदेश महासचिव का चुनाव लड़ रहे संदीप वोरा का मोबाइल फोन स्वीच ऑफ आया। अलबत्ता, नगर निगम के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने हँसते हुए इस बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। उक्त जिम्मेदार व्यक्ति का कहना था,- इस बारे में तो नेताजी ही बता पाएंगे… आप उन्हीं से बात कर लीजिए।

इधर, एक और नई व चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बताया जाता है कि नगर निगम के युवा कर्मचारियों को पकड़-पकड़कर संदीप वोरा व आयुष शर्मा के पक्ष में वोटिंग करवाई जा रही है। इस बारे में हालांकि बहुत जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन युकां सूत्रों ने बताया कि नगर निगम के भीतर ऐसे युवाओं की तलाश की जा रही है, जो उम्र सीमा के लिहाज से वोट देने में सक्षम है। इसका एक उदाहरण भी सामने आया है। बताया जाता है कि कुछ समय पहले अनुकम्पा नियुक्ति में लगे एक निगम कर्मी को बाकायदा पद्मनाभपुर ले जाकर वोटिंग करवाई गई। बताते हैं कि वोटिंग का काम खुद संदीप वोरा ने करवाया। जबकि उक्त युवक नगर निगम का स्थायी कर्मचारी है। स्थायी कर्मचारी किसी तरह की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के अधिकारी नहीं होते। इस आधार पर स्पष्ट शब्दों में कहें तो शिकायत करने की स्थिति में उक्त निगम कर्मी की नौकरी की भी शामत आ सकती है। लेकिन युवक कांग्रेस का चुनाव जीतने के लिए लोग किसी भी हद तक जाने को आमादा हैं। चाहे किसी की नौकरी ही क्यों न चली जाए और उसका परिवार सड़क पर आ जाए।

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